Friday, 19 October 2012

सावधानं! कंही आपकी यह हरकत महंगी ना पद जाये




मोबाइल, इंटरनेट और फेसबुक आज ऐसी चीज बन गए हैं जो लगभग हर युवा वर्ग की पहुंच में हैं. मनोरंजन के यह साधन आज युवाओं के लिए एक नशे की तरह हो चुके हैं. इस नशे में वह इतने धुत्त हो जाते हैं कि उन्हें अच्छे और बुरे का कुछ ख्याल ही नहीं रहता और इसी में युवा अश्लीलता की तरफ मुड़ने लगते हैं.

Nudity on Emails and SMS: अश्लीलता की तरह मुड़ता शौक
इंटरनेट पर न्यूड फोटो देखना और उसे शेयर करने के साथ अश्लील मैसेजों को भेजना तो अब बेहद आम हो चला है. लेकिन परेशानी तब होती है जब कुछ बेहद मनचले किसी अनजान को इस तरह के मैसेज और तस्वीरें भेजते हैं जो ऐसी चीजें पसंद नहीं करता और इसकी कंप्लेन पुलिस को करता है. ऐसी स्थिति में पहले पुलिस गुनहगार को पकड़कर पहले समझाती थी और फिर बाद में दूसरी बार पकड़े जाने पर सजा देती थी लेकिन अब पुलिस कोई पहला मौका नहीं देगी. तो अगर आप या आपकी जानकारी में कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे सावधान कर दीजिए.

New Act against Nudity: नया कानून
ईमेल या एमएमएस के जरिए किसी महिला की अश्लील तस्वीर को भेजना अब तीन साल तक की सजा का सबब बन सकता है. यह सजा पहली बार पकडे़ जाने पर मिलेगी. केंद्र सरकार ने महिलाओं की छवि अश्लील तरीके से प्रस्तुत करने को रोकने संबंधी अधिनियम-1986 में संशोधनों को मंजूरी दे दी है. अब इसे संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. संशोधनों के दायरे में टीवी कार्यक्रम और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री भी आएगी.
 सजा सख्त बनाते हुए संशोधित विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पहली बार दोषी पाए जाने पर अपराधी को अधिकतम तीन साल की कैद और 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा. दूसरी बार अपराध करने वाले के लिए जहां 2 से 7 साल तक की कैद होगी, वहीं 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना संभव होगा. केंद्र सरकार के अनुसार नए संशोधनों का उद्देश्य इंटरनेट, मैसेजिंग के जरिए महिलाओं के खिलाफ समाचारों में अश्लील छवि का प्रसार रोकना है.
                                                        
पहले का कानून
2000 में बनाए गए इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66 के सेक्शन ए के तहत मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्त्री को अश्लील एसएमएस, ई-मेल या तसवीरें भेजना, धमकी देना या फोन पर अश्लील बातें करना संज्ञेय अपराध माना गया है. अर्थात केवल स्त्री द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधार पर पुलिस आरोपी को बिना वारंट जारी किए पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में 24 घंटे तक रख सकती है. इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेने की भी आवश्यकता नहीं होती. इसके अलावा आई.पी.सी. की धारा 499 के तहत ऐसा करने वाले व्यक्ति पर मानहानि का भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है और आरोप सिद्ध हो जाने पर उसे तीन साल के लिए कारावास की सजा भी हो सकती है.

अगर आपके साथ ऐसा होता है तो
अगर आपको कोई बारबार अश्लील एसएमएस और ईमेल भेजता है तो पुलिस या महिला हेल्पलाइनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके लिए आप निम्न नंबर का प्रयोग करें:
दिल्ली के लिए
100 (Delhi Police Helpline): यह दिल्ली पुलिस की फ्री हेल्पलाइन नंबर है. इस नंबर पर कॉल करके अगर कोई आपका पीछा कर रहा है या आपके साथ छेड़खानी की कोशिश कर रहा है या फिर आपके गंदे एसएमएस कर रहा है तो उसकी जानकारी दे सकते हैं.
1091(Women Helpline in Delhi): अगर महिलाओं को किसी तरह की परेशानी है तो वे इस नंबर पर कॉल कर सकती हैं.
1096(Women Helpline in Delhi): अश्लील एसएमएस भेजने, पीछा करने व फोन करने पर 1096 पर कॉल कर सकते हैं. इस नंबर पर कॉल करने पर आपका नाम गुप्त रखा जाता है. आप अश्लील एसएमएस को 9911135446 पर फारवर्ड भी कर सकते हैं. किसी भी तरह की परेशानी पर महिलाएं 27894455 लैंड लाइन पर फोन भी कर सकती हैं.

उत्तर प्रदेश में
1010(UP Police Helpline): उत्तर प्रदेश में मोबाइल पर फोन या अश्लील एसएमएस भेजकर लड़कियों को परेशान करने वालों पर लगाम लगाने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1010 की शुरुआत की गई है जहां लड़कियां अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

Amiably(http://technology.jagranjunction.com/2012/10/14/beware-of-nudity-in-internet/)

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