Saturday 20 October 2012

कम उम्र में ब्याह रोकेगा बलात्कार – स्त्री हित की सोच या दमन का नया तरीका?



                                  
खाप पंचायतें तो अपने फरमानों को लेकर चर्चा में रहती ही हैं लेकिन हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ती यौन आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए खाप पंचायतों के उस बयान या फिर यूं कहें फरमान को सही ठहराया है जिसके अनुसार लड़कियों का विवाह 15 वर्ष की उम्र में कर दिया जाना चाहिए। इससे जल्दी विवाह कर दिए जाने से उनके साथ होने वाली बलात्कार की घटनाओं पर भी लगाम लगाई जा सकती है।

ओमप्रकाश चौटाला का यह बयान आते ही उनकी मानसिकता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए। नारी सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की पैरवी करने वाले लोगों के साथ-साथ महिलाओं के एक बड़े समूह को खाप पंचायतों के इस बयान पर चौटाला का स्वीकृति दे देना बिल्कुल रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और हमें महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। ऐसे में एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ की ऐसी सोच बेहद ओछी प्रतीत होती है। ऐसे लोगों का कहना है कि बलात्कार करने वाला व्यक्ति महिला की ना तो उम्र देखता है और ना ही उसे इस बात से कोई सरोकार होता है कि वह महिला विवाहित है या अविवाहित। वह स्त्री को केवल एक भोग की वस्तु समझता है जिसका उपयोग कभी भी और किसी भी अवस्था में किया जा सकता है। ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले व्यक्ति अपनी हवस शांत करने के लिए विशेष तौर पर किसी अविवाहित स्त्री को ही नहीं तलाशते। अगर ओमप्रकाश चौटाला यह मानते हैं कि विवाह बलात्कार से बचने का एकमात्र उपाय है तो उनकी यह सोच वास्तविकता से बहुत दूर है। क्योंकि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कितने ही ऐसे मसले हमारे सामने हैं जिनमें विवाहित स्त्री को ही कभी अपने परिवार के किसी पुरुष या फिर किसी बाहरी पुरुष की हैवानियत का शिकार होना पड़ा है।

वहीं दूसरी ओर ओमप्रकाश चौटाला के बयान और उससे जुड़े तर्कों को सही ठहराने वाले लोगों का कहना है कि कम उम्र में विवाह करने से लड़के और लड़की दोनों का ही अनैतिक कृत्यों में लिप्त होने की संभावना कम हो जाएगी। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव और टी.वी, इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण आज बहुत सी बातें समय से पहले ही समझ आने लगती हैं जिसका दुष्प्रभाव बच्चों के नैतिक आचरण पर पड़ता है। शारीरिक संबंधों के प्रति उनकी बढ़ती रुचि भी उनके कदम भटका देती है। इसीलिए कानून बनाकर विवाह करने की उम्र को 18 और 21 से घटाकर 15 और 18 कर देनी चाहिए। वे लोग जो यह मानते हैं कि विवाह में देरी होना ही बलात्कार की घटनाओं को बढ़ाता है, का स्पष्ट मत है कि बलात्कार जैसी घटनाओं को नियंत्रित या पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए जितनी जल्दी हो सके विवाह कर देना चाहिए। 
                          Notices for Girls to marry at a young age
             
                 
एक वरिष्ठ और अनुभवी राजनीतिज्ञ के इस बयान से जुड़े विभिन्न पक्षों पर विचार करने के बाद चंद सवाल हमारे सामने हैं जिनका जवाब ढूंढ़ना नितांत आवश्यक है, जैसे:

1. क्या वाकई विवाह की उम्र को घटाकर या लड़कियों का कम उम्र में विवाह कर उन्हें बलात्कार की घटनाओं से बचाया जा सकता है?
2. क्या खाप पंचायतें और ओमप्रकाश चौटाला जैसे राजनीतिज्ञ स्त्रियों की आत्मनिर्भरता को बाधित करने में विश्वास रखते हैं?
3. क्या कम उम्र में महिलाओं का विवाह करना उनके अधिकारों और उनकी अपेक्षाओं के साथ अन्याय नहीं है?
4. और अंत में सबसे महत्वपूर्ण सवाल – क्या ओमप्रकाश प्रकाश चौटाला स्वयं यह गारंटी ले सकते हैं कि विवाह के बाद कोई भी महिला किसी की हैवानियत का शिकार नहीं बनेगी?

जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:

कम उम्र में ब्याह रोकेगा बलात्कार – स्त्री हित की सोच या दमन का नया तरीका?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।

No comments:

Post a Comment